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'विकास’,' बढ़त’, 'उत्पादकता ’आदि जैसे शब्द सार्वभौमिक बोली का हिस्सा बन गए हैं, परन्तु जिन जड़ों से ये विचार जुड़े हैं वे अक्सर नामालूम अन्धकार में ही रह जाती है। मनुष्य के आंतरिक जीवन को अक्सर 'अब्स्त्रक्त' का ठप्पा लगा दिया जाता है। फिर भी, किसी व्यक्ति के बाहरी कार्यों की कड़ी को  अगर ध्यान से देखें तो पाएंगे की हर कार्य एक विचार से उत्पन्न होता है, जो एक प्रकार की भावना से उभरा है, जो कि मन की एक निश्चित स्थिति में जन्म लेता है - चिंतन, अनुभव, यादों, आदि के अधीन।   

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बाहरी से आंतरिक और आंतरिक से बाहरी दुनिया की यह यात्रा एक सीधी रेखा यात्रा नहीं है। खासकर जब, जब हम दोनों के मौलिक विभाजन में खुद को फंसा पाते हैं। लेकिन मनुष्य की बाहरी और आंतरिक दुनिया के बीच एक खिड़की खोल देने से विभाजन सम्पूर्णता की और बढ़ता है - एक अविभाजित जीवन, जो एक अविभाजित दुनिया के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

युथ अलायन्स आपको 'The Ecology of Self' के दूसरे संस्करण लिए आमंत्रित करता है। यह एक तीन सप्ताह (ऑनलाइन) का (23 अक्टूबर - 8 नवम्बर, 2020)  स्व-विसर्जन कार्यक्रम है। कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न स्तरों पर स्वयं के आंतरिक जीवन के साथ जुड़ना है। प्रोग्राम मानव के आंतरिक जीवन को समझने व् उसके अध्ययन पर केंद्रित है। ये अध्ययन हम निजी अनुभवों, कहानियों, संवाद व सामूहिक चिंतन के साथ करने की आशा रखते है।

एक प्रतिभागी इस प्रोग्राम से क्या आशा रख सकता है?

एक ऐसा मंच का गठन जहाँ समूहिक मंथन द्वारा हम उन मौजूदा पैटर्न और परम्परों का अन्वेषण कर सकें जो 'स्वयं' (self) का निर्माण करती है।  

किस प्रकार के कमिटमेंट की आशा है?

कलेक्टिव सेशंस व्  साझा की हुई लिखित और वीडियो सामग्री के अध्ययन के लिए  के लिए एक सप्ताह में 30 घंटे की उपलब्धता  

सप्ताहांत पर 4-5 सत्र और किसी एक कार्यदिवस पर 1 सत्र होंगे। कार्यदिवस सत्र शाम के समय में होंगे यदि प्रतिभागी समूह के लिए कोई और समय अनुकूल होगा तो ससहमति द्वारा उसपे विचार किया जा सकता है।  सप्ताहांत सत्र में सुबह व् शाम दोनों के सत्र होंगे

आंतरिक यात्रा की समझ व् अन्वेषण के लिए एक समुदाय का महत्व सर्वोपरि है। कैसे एक ऐसे समूहिक स्थान की रचना की जा सके जिसमे एक युवा को उसकी पूर्णता के साथ आमंत्रित किया जाए - ये पिछले 9 सालों से हमारे लिए सवाल व् अभ्यास दोनों रहा है। द इकोलॉजी ऑफ सेल्फ के साथ, हम एक ऐसे विश्वास का समुदाय बनाने की उम्मीद करते हैं जो एक व्यक्ति व् समाज दोनों को सार्थकता प्रदान करे. 

कौन आवेदन कर सकता है?

कोई भी व्यक्ति जो स्वयं या अपनी अभिव्यक्ति की समझ को तात्कालिक, सामाजिक, और प्रणालीगत स्तर पर समझना या गहरा करना चाहता है।

नोट: हम एक गहरे संवाद का मंच गठित करना चाहते हैं और इसलिए प्रोग्राम में प्रतिभागियों की संख्या 16-18  तक सीमित रखी जाएगी।  हम विशेष रूप से जातीय, लैंगिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि: 13 अक्टूबर 2020

आवेदन की प्रक्रिया त्वरित प्रकृति की है. 16-18 प्रतिभागियों का समूह हो जाने पर हम आवेदन को स्वीकारना अंतिम तिथि के पहले भी बंद कर सकते हैं. इसलिए, हम आपको अंतिम तिथि तक इंतज़ार न करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

किसी भी प्रकार की परेशानी या सवाल हो तो बिना संकोच हमें संपर्क करें youthallianceofindia@gmail.com

हमारे टीम के सदस्य शशांक ने इस प्रोग्राम के विचार के बारे में लिखा - स्व और समाज निर्माण का कार्य

वे लिखते हैं - "प्रेम संघ की नींव है। हमारे लिए दूसरे को पूर्ण रूप से सुन पाना इसलिए कठिन होता है - क्यूँकि हमें खुद पर आत्म-विश्वास नहीं होता। हमें डर होता है, कि दूसरे के विचारो को जगह देते देते कहीं हमारे विचारों के लिए जगह ना बची तो? हम दूसरे को तो द्रष्टा भाव प्रदान करें, पर कहीं हम इस प्रयास में - ग़ायब ना हो जाएँ।"

सहभागियों के अनुभव